अरबों रुपये की होटल मानसिंह हड़पने की साजिश

 अरबों रुपये की होटल मानसिंह हड़पने की साजिश

अजमेर, अजयसिंह।
होटल मानसिंह को बेचान का अधिकार मानसिंह ग्रुप को नहीं होने के बावजूद अवैध तरीके से करोड़ों रुपये का लेनदेन किया गया है जो गंभीर आर्थिक अपराध होने के साथ ही स्पष्ट धोखाधड़ी की श्रेणी में माना जा रहा है ।
जानकारी के अनुसार होटल मानसिंह खुद लीज धारक नहीं है बल्कि नगर सुधार न्यास से यह लीज अजयमेरू प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ए गोयल (पंजाबी) को मिली थी फिर केनरा बैंक और राजस्थान वित्त निगम के बीच त्रिपक्षीय इकरार हुआ, R F C ने केनरा बैंक व गोयल की अनुमति के बिना अवैध रूप से होटल मानसिंह ग्रुप को नीलामी में परिसर का कब्जा दे दिया। इस मामले में आज भी केनरा बैंक और गोयल के साथ आरएफसी का विवाद कायम है।
होटल मानसिंह के आगे का हिस्सा भी विवादित है। UI T अजमेर और भूस्वामी के मध्य विवाद होने के कारण ही उक्त अग्र भाग में आज तक कोई निर्माण नहीं किया जा सका है और अवैध रूप से खोली गई पार्किंग भी बंद करनी पड़ी।
अब पुर्व में R F C में कार्यरत एक वकील ने जिसने राहुल गांधी पर राजद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए उच्च न्यायालय जयपुर में निराधार रिट भी पेश कर रखी है उन्होंने रातों रात करोड़ों रुपये का अवैध बेचान करवाया है। वर्ष 1997 से यह सारा परिसर UI T अजमेर जो वर्तमान में A D A के स्वामित्व का है जिसको अनुचित रूप से होटल मानसिंह के कब्जे में निरंतर दिया हुआ है।
A D A यदि 1997 से लेकर आज तक 23 वर्ष का किराया इस अवैध अतिचार का होटल मानसिंह से वसूल करे तो मामला अरबों रुपये का बनता है। लीज राशि का फैसला करने का हक भी A D A बोर्ड को नहीं है क्योंकि मूल लीज अजयमेरु प्राइवेट लिमिटेड को दी गई थी जो होटल मानसिंह के कब्जे को स्वीकार नहीं करती है इसलिए लीज अगर बढ़ती तो अजयमेरु प्राइवेट लिमिटेड की बढ़ती।
होटल मानसिंह मूल लीज धारक नहीं होने से इस संस्था के नाम आगे लीज जारी नहीं रह सकती है अब होटल मानसिंह ने भी A D A की अनुमति के बिना करोड़ों रुपये का अवैध बेचान कर दिया है इसलिए A D A को सम्पूर्ण परीसर तत्काल अपने कब्जे में लेना चाहिये संभावना है कि जैसे वर्ष 1997 से 23 वर्षों तक नगर सुधार न्यास की मिलीभगत से होटल मानसिंह का अवैध संचालन होता रहा है वैसे ही भ्रष्टाचार के दम पर आगे भी A D A के इस परिसर का दुरूपयोग होता रह सकता है इसलिये A C B भी अभी से हर गतिविधि पर नजर रखना शुरू करे वरना A D A  को अरबों रुपये का चूना लग जायेगा।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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