ऑटोमेशन के फील्ड में भी हैं सुनहरे करियर के अवसर

 ऑटोमेशन के फील्ड में भी हैं सुनहरे करियर के अवसर

ऑटोमेशन की वर्तमान टेंडेंसी का प्रभाव सीधे सीधे ह्वाईट कॉलर जॉब पर पड़ेगा लेकिन अगर इसका दूसरा पहलू देखा जाय तो इससे कुछ नए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। इसके लिए जिस स्किल की आवश्यकता होगी उसकी तैयारी के लिए युवाओं को मानसिक रूप से तैयार रहने की जरुरत है।

इंटरनेशनल स्टडीज एसोसिएशन (आईएसए) की एक स्टडी के अनुसार, ऑटोमेशन को उत्पादों और सेवाओं के उत्पादन और वितरण पर नजर रखने और नियंत्रित करने के लिए टेक्नोलॉजी के निर्माण और अनुप्रयोग के रूप में परिभाषित किया जाता है। ऑटोमेशन का विस्तार इकोनोमी के विभिन्न क्षेत्रों में है, जैसे कि इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, यूटिलिटी, डिफेन्स, सर्विसेज आदि।
विश्व भर में ड्राइवरहीन मेट्रो का आगमन, ऑटोमेशन के कारण कॉग्निजेंट, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा जैसी बड़ी आईटी कंपनियों में छंटनी की खबरें, इन्फॉर्मेशन और कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की वजह से नौकरियों में कमी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और कंटेंट में रोबोटिक्स, बैंकिंग, फार्मास्यूटिकल्स, भोजन और पेय पदार्थ, लॉजीस्टिक्स और सेफ्टी के क्षेत्र में रोजगार से सम्बन्धित समस्या ऑटोमेशन की वजह से उत्पन्न हो सकती है।
आज के परिवेश में बढ़ते कॉम्पिटीटिव बिजनेस माहौल में मार्केट में दूसरी कम्पनियों से अपने आप को आगे रखने के लिए लगभग सभी कंपनियों को ऑटोमेशन का सहारा लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। तीव्र गति से काम करने के लिए ऑटोमेशन की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कुछ लोगों का कहना है कि ऑटोमेशन की वजह से कई सेक्टरों में नौकरियों की संख्या कम हो जाएंगी और कुछ नौकरियां तो पूरी तरह से मार्केट से गायब ही हो जाएंगी परन्तु इस सन्दर्भ में कुछ विशेषज्ञों की राय है कि यह बात सही है कि ऑटोमेशन की वजह से कुछ नौकरियों के कम होने की संभावना है लेकिन ऑटोमेशन के कारण जाने वाले जॉब की तुलना में कई नए तरह के जॉब के नए मौके भी पैदा होंगे।
एक रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 3.5 मिलियन नए जॉब ऑटोमेशन के फील्ड में उत्पन्न होंगे। इसलिए युवाओं को इन मौकों के लिए स्वयं को तैयार रखने की जरूरत है। ऑटोमेशन से जुड़े, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में अधिकांश कोर्सेज तो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं जिन्हें बड़ी आसानी से किया जा सकता है। ऑटोमेशन के फील्ड में करियर बनाने के लिए युवाओं को निम्नांकित कोर्सेज में से किसी एक को अपनी रूचि और क्षमता के अनुसार अवश्य करने की कोशिश करनी चाहिए।
कोर्सेरा के सह संस्थापक एंड्रयू एनजी हैं। एंड्रयू स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। इनके द्वारा मशीन लर्निंग में 11 हफ्ते का कोर्स करवाया जाता है। इस कोर्स में अप्लाइड मशीन लर्निंग, मशीन लर्निंग की टेक्नीक्स और पैटर्न की पूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है। इसके तहत मशीन लर्निंग से जुड़ी कई केस स्टडीज का भी विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। इस कोर्स में छात्रों को प्रोबेबिलिटी, लिनीयर एलजेबरा और कंप्यूटर साइंस का भी अध्ययन कराया जाता है।

मशीन लर्निंग से जुड़े कुछ प्रमुख कोर्सेज

उडासिटी इंट्रो टू मशीन लर्निंग

ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उडासिटी पर नैनोडिग्री के तहत मशीन लर्निंग में 10 हफ्ते का एक कोर्स कराया जाता है। इस कोर्स में मशीन लर्निंग टेक्नीक का उपयोग करते हुए डेटा सेट को मैनेज करने के बारे में पूर्णत: प्रशिक्षति किया जाता है। इस कोर्स के ट्रेनर सेब्सटियन थ्रून और कैटी मेलोन छात्रों को बेसिक स्टैटस्टिकिल कॉन्सेप्ट और पायथन प्रोग्रामिंग के बारे विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं। इस कोर्स को करने से डेटा मैनेजमेंट के बारे में सम्पूर्ण और सही जानकारी मिलती है। भविष्य में डेटा मैनेजमेंट करने वाले प्रोफेशनल्स की डिमांड बढऩे की संभावना है।

एडएक्स मशीन लर्निंग

एडएक्स पर कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर यासिर एस अबु मुस्तफा मशीन लर्निंग पर एक कोर्स कराते हैं। इसमें बेसिक थ्योरी प्रिंसिपल, एल्गोरिदम और मशीन लर्निंग के सभी एप्लीकेशंस के बारे में अध्ययन कराया जाता है। इस कोर्स के लिए सप्ताह में कुल मिलाकर 10 से 20 घंटे का समय देना पड़ता है। इस कोर्स की पूर्ण अवधि कुल 10 हफ्ते की है। इसके अलावा एडएक्स मशीन लर्निंग में फ्रेशर्स के लिए 5 हफ्तों का एक शॉर्ट टर्म कोर्स भी कराया जाता है।

गूगल डीप लर्निंग

ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म उडासिटी मशीन लर्निंग पर गूगल डीप लर्निंग एक फ्री कोर्स कराता है लेकिन यह कोर्स फ्रेशर्स के लिए बहुत उपयुक्त नहीं है। यह कोर्स ऐसे लोगों के लिए जो मशीन लर्निंग के विषय में थोड़ा बहुत आवश्यक जानकारी रखते हैं, ज्यादा लाभदायी है।

स्टैटस्टिकिल मशीन लर्निंग

कारनेज मेलोन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लैरी वासेरमैन ने मशीन लर्निंग विषय पर यूट्यूब पर वीडियो लेक्चर की एक सीरिज तैयार की है। इसमें इंटरमीडिएट स्टैटस्टिक्सि और मशीन लर्निंग के बारे में पीएचडी करने वाले छात्रों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी है लेकिन इसके लिए उम्मीदवार के पास मैथ्स, कम्प्यूटर साइंस और स्टैटिक्स विषय में डिग्री होना अनिवार्य है।
मशीन लर्निंग के साथ साथ आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज की जानकारी से ऑटोमेशन के फील्ड में करियर बनाने में बहुत सहूलियत मिलती है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज भी कराये जाते हैं। इसके तहत आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये कॉम्प्लेक्स समस्याओं के समाधान जैसे मशीन ट्रांसलेशन, स्पीच और चेहरे की पहचान और ऑटोनोमस ड्राइविंग आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है।

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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