मौजूद हैं कोरोना से भी खतरनाक लाखों वायरस

 मौजूद हैं कोरोना से भी खतरनाक लाखों वायरस

और भी खतरनाक होंगी भविष्य में फैलने वाली महामारियां, दुनिया में मौजूद हैं 850,000 अज्ञात वायरस

नई दिल्ली। पिछले कई महीनों से विश्व भर में लोग गंभीर कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं। इस साल कोरोना महामारी के चलते पहले ही आईं ढेरों बुरी खबरों ने दुखी किया हुआ है कि इस बीच प्रमुख विशेषज्ञों की एक रिपोर्ट फिर से डरा रही है। ये रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भविष्य में और अधिक बार महामारी का अनुभव कर सकती है, यही नहीं बल्कि इनमें से कुछ वायरस तो कोरोना वायरस की तुलना में और भी ज्यादा घातक होंगे तथा उन्हें नियंत्रित करने के लिए चिकित्सकीय साधन काफी महंगे होंगे।
जैव विविधता और महामारी पर ये वैश्विक रिपोर्ट दुनिया भर के 22 प्रमुख विशेषज्ञों द्वारा लिखी गई है। यह जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (ढ्ढक्कक्चश्वस्) पर अंतरसरकारी विज्ञान-नीति प्लेटफॉर्म द्वारा बुलाई गई कार्यशाला का परिणाम है जो प्रकृति के क्षरण और बढ़ती महामारी के जोखिमों के बीच संबंधों पर केंद्रित है।
रिपोर्ट की चेतावनी के अनुसार जिन्हें लगता है कि कोरोना इकलौता ऐसा घातक वायरस है तो वे जान लें कि प्रकृति में 540,000 – 850,000 अज्ञात वायरस हैं जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा फ्रेंच गुयाना में मायरो वायरस की बीमारी के फैलने के तीन दिन बाद आई है। डेंगू के समान लक्षणों के साथ, यह वायरस भी मच्छरों के माध्यम से फैलता है।
इबोला, जिका, निपाह इन्सेफेलाइटिस, और इन्फ्लूएंजा, एचआईवी / एड्स, कोविड -19 जैसी लगभग सभी ज्ञात महामारियों में से अधिकांश (70प्रति.) पशु रोगों की उत्पत्ति के रोगाणु हैं। आईपीबीईएस रिपोर्ट में कहा गया है कि वन्यजीवों, पशुओं और लोगों के बीच संपर्क के कारण ये रोगाणु फैल जाते हैं। विशेषज्ञों ने सहमति व्यक्त की कि महामारी के युग से बचना संभव है लेकिन सही प्रतिक्रिया से रोकथाम जरूरी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, ‘कोविड -19 1918 के ग्रेट इन्फ्लुएंजा महामारी के बाद से कम से कम छठी वैश्विक स्वास्थ्य महामारी है और हालांकि इन्फ्लुएंजा की उत्पत्ति जानवरों के रोगाणुओं में हुई थी लेकिन सभी महामारियों की तरह इसकी शुरुआत पूरी तरह से मानव गतिविधियों से प्रेरित थी। स्तनधारी जीवों और पक्षियों में वर्तमान में अनुमानित 1.7 मिलियन अज्ञात वायरस मौजूद हैं।Ó

अभिषेक लट्टा - प्रभारी संपादक मो 9351821776

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